Cash stolen-police imlicating compainant,instead of probing the case
Bhikham Saini
(Querist) 01 December 2013
This query is : Resolved
श्रीमान = मेरे एक रिश्तेदार कि ओफ़िस से नगद रुपियो कि
चोरी हुई। उनकी दूकान कि चाबी स्वयं उनके पास , एवं दो अन्य
पुराने कर्मचारियों के पास होती है, दिन भर कि बिक्री रात में दूकान में
ही लकड़ी की टेबल के ड्रावर में होती है एवं दूसरे दिन बैंक में जमा होती है
लेकिंग ड्रावर की चाबी सिर्क मालिक के पास ही होती है,अत: कर्मचारी
दूकान ही खोल सकते है और ड्रावर नहीं। रोज की तरह कर्मचारियों
ने दूकान खोली थी एवं मालिक बाज़ार का काम निपटा कर करीब एक बजे आया और
बैंक में जमा करने वास्ते रुपये ड्रावर से निकलने गया तो देखा रुपये नहीं है
और दूकान का रोज़ काम में आने वाला एक थैला भी गायब है। कोई ताला नहीं टुटा,
कोई भी कुछ जानने से इंकार कर रहा है और हम किसी पर भी इल्जाम/शक करने के
लायक नहीं है।
पुलिस ने हमारी FIR धारा IPC 380 तहत के तहत दर्ज़ कर
केस डायरी को क्राइम-ब्रांच में दीया है। उन्होने मालिक,उसके निजी पुत्र ,
व् दो कर्मचारियों के दो-तीन बार बयानलिए है,व् दो-तीन बार पूछताछ की
है,सभी के मोबाइल नंबर लेकर शायद काल - डिटेल्स निकलवा रहे है।
अब आश्चर्य की बात है की अधिकारी मालिक व् उसके पुत्र से यह कहलवाने पर/
मानने पर जोर दे रहे है कि कोई चोरी नहीं हुई व् हमने झूठी शिकायत दर्ज करवाही
है और मालिक व् उसके पुत्र पर धारा 121 IPC लगाने की धमकी दे रहे है।
हम न तो किसी कर्मचारी पर ऊँगली उठाने लायक हैं, और न ही हमारे
लड़के के बारे में ऐसा सोच सकते है कारण मेरा लड़का मेरे साथ आता है और मेरे साथ जाता है
और रविवार को भी ज्यादा समय घर पर खाते पुरे करने में व्यतीत होता है,
और लड़के पर कोई शक करने का कोई कारण नहीं है।
बड़ी अजीब समस्या से गुजर रहे है। नगद गया, आम नागरिक कि तरह शिकायत दर्ज़
करवाई,और अब विभाग हम बाप-बेटे को ही मुल्ज़िम साबित करने पर तुला हुआ है ,
कृपया हमे सलाह दीजिये कि :
०१. विभाग हमारे साथ ऐसा किस वजह से कर रहा है, और उनके किसी भी इस तरह के
कदम से वोह हमारा क्या-क्या कर सकते है व् हमे क्या करना चाहिए?
हमे पूरी आशंका बन रही है कि किसी अनजान कारणवस विभाग उल्टा हमे ही
उत्तरदायी बनान चाह रहा है और किसी बड़ी परेशानी कि आशंका हो रही है ,
सचाई तो सिर्फ यह है कि आम दिन कि तरह से बिक्री का भुगतान आता है और दूसरे दिन
काम के लायक भुगतान रख कर बैंक में जमा हो जाता है ,
रोज दो में से एक कर्मचारी दस बजे दूकान खोलता है
और हम साढ़े-बारा बजे आते है। सभी पुराने आदमी हैं।
रात को नो बजे रोज की तरह सभी मिल कर दूकान बंद करते है ,
दूसरे दिन बिना कोई टला टूटे,नगद गायब मिलता है, किन्तु यह भी सच है
कि रोज कि तरह नगद लकड़ी के ड्रावर में ही था जिसमे कि ताला था लेकिन
वह बंद हालत में पाया गया,
घटना - शिकायत के दो घंटे के बाद ही अधिकारी हमसे ऐसा व्यवहार कर रहे कि हमने ही चोरी कि है या
हमने झूठी शिकायत दर्ज़ कारवाही है और अब हम पर नया केस बनाने कि धमकी दी जा रही है।
हमे क्या करना चाहिए?
ABDUL RAZIQUE
(Expert) 01 December 2013
Aap ke Anusar yah jahIr hai kI Aap ne glt Byan likhwaya hai. Pulis Apna kam Apne tarike se karti hai. use Apna kam karne den.
Raj Kumar Makkad
(Expert) 01 December 2013
aapne jo galat kam kiya uska prinam to aap hi ko bhugtna hoga. aap bjaye sarvjnik lekhan ke, kisi achhe sthaniye vkeel saab ki sewayain lijiye.
R.K Nanda
(Expert) 02 December 2013
consult local lawyer.
ABDUL RAZIQUE
(Expert) 03 December 2013
Sthaniye wakil Saahab ki sewa prapt karen.