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mahavir s   18 July 2018

jevik pita aur utradhikari

श्रीमान मेरा नाम रजब अली हैं । मैं राजस्थान के भरतपुर जिले से हूँ । मैं एक मुस्लिम हूँ । मेरी माताजी का विवाह किया हुआ था उसके पहले पति के गुजर जाने के बाद मेरी माताजी का अपनी मर्जी के ख़िलाफ़ उसके जेठ के साथ पुनः निकाह हुआ । इस तरह मेरी माताजी के पहले पति जिसका नाम अब्दुल कादिर था वो गुजर गए और दूसरा निक़ाह सुलेमान कादिर के साथ हुआ । मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के एक लड़का तथा 2 लड़कियां है । और इस पुनः निक़ाह से मेरा जन्म हुआ । इस प्रकार मेरे जैविक पिताजी सुलेमान कादिर हुए । मेरे जैविक पिताजी सुलेमान कादिर पहले से शादीशुदा थे जिसके 3 बेटे और 5 बेटियां और बीबी हैं । चूँकि यह पुनः निक़ाह मेरी माताजी की मर्ज़ी के खिलाफ हुआ था और सुलेमान कादिर मेरी माताजी के साथ हमेशा मारपीट करते थे, और उसे गुजारे के लिए कुछ भी नहीं देते थे और अपनी पहली बीबी और बच्चों के साथ रहते हैं । चूंकि मेरी माताजी मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर को शुरू से न पसदं करती थी तो मैं भी बचपन से अपने जैविक पिताजी से उतनी ही नफरत करने लगा । मेरे जन्म के समय मेरे जैविक पिताजी सुलेमान कादिर के नाम से मेरा जन्म प्रणाम पत्र बना जो मेरे जैविक पिताजी के पहले लड़को में से किसी ने बनवाया था और वो उनके पास ही था और अभी भी है। मैंने जब स्कूल में प्रवेश लिया तो मेरा नाम जन्म प्रमाण पत्र के बिना ही लिखा गया। मैंने पहली कक्षा में ही स्कूल छोड़ दी । जबकि मैंने फिर दुबारा पहली कक्षा में प्रवेश लिया इस बार भी नए स्कॉलर नम्बर के साथ मेरा नाम लिखा गया । इस तरह से मेरे दो दो प्रवेशांक नंबर हो गए स्कूल रिकॉर्ड में । अभी तक मैंने जन्म प्रणाम पत्र जमा नही करवाया था । जब मैं तीसरी कक्षा में आया तो मुझे और मेरी माताजी को स्कूल के हेडमास्टर ने जन्म प्रणाम पत्र जमा करवाने को बोला नहीं तो नाम काट देंगे, चूंकि इस समय मेरा जन्म के समय बना जन्म प्रणाम पत्र मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर के पास था जिसका हमें मिलना मुश्किल था । इसलिए मेरी माता जी मे हेडमास्टर से निवेदन किया तो हेडमास्टर ने अपने स्तर ग्राम सेवक से जन्म प्रणाम पत्र बनाया, जो कि मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से बनाया , लेकिन इसमें हेडमास्टर ने मेरी जन्म तारीख वही लिख दी जो मेरी पहले स्कूल प्रवेष में पहली कक्षा के प्रवेशांक थे । चूंकि मेरा प्रवेश नए प्रवेशांक के साथ हुआ था इसलिए कोई समस्या नहीं हुई । इस प्रकार से मेरे जन्म प्रणाम पत्र दो बन गए एक मेरे जन्म के समय बना मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर के नाम से जिसमे सही तारीख थी, और दूसरा स्कूल के हेडमास्टर द्वारा बनाया गया मेरी माताजी की पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से जिसमे जन्म तारीख भी अंदाजिया थी । यहां तक कोई समस्या नहीं हुई और मैं पढ़ता रहा और मेरे सारे स्कूल के रिकॉर्ड में मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर का नाम और वही जन्म प्रणाम पत्र चलता रहा , चूंकि अब मैंने स्नातक तक कि पढ़ाई कर ली है और मेरे सारे शैक्षणिक रिकॉर्ड में मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर का नाम दर्ज है और वही जन्म तारिख दर्ज है । इसके अलावा मैंने सारे डॉक्यूमेंट भी अब्दुल कादिर के नाम से बनाए हुए हैं । मेरी माताजी के भी सारे डाक्यूमेंट्स मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से बने हुए है । इस तरह से मेरे मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर के नाम से कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज नही हैं उसी प्रकार मेरी माताजी के नाम से भी उसके दूसरे पति सुलेमान कादिर के नाम से कोई भी दस्तावेज नहीं हैं । अब यहाँ तक भी कोई समस्या नही आई क्योंकि हम अपने अलग घर मे मेरी माताजी के साथ रहते है और मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर अपनी पहली बीबी और बच्चों के साथ रहते है अलग अपने घर मे । चूंकि यहां तक भी मैं और मेरी माताजी मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर को पसंद नही करते हैं । मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर जीवित हैं । चूँकि मेरे जैविक पिता सुलेमान के नाम से 100 बिघा खेती की जमीन और दूसरी सम्पति हैं और मेरे दादाजी की जमीन पर भी उनका ही कब्जा हैं, इसलिए मैंने जब अपने जैविक पिता सुलेमान कादिर से अपना और अपनी माताजी का हिस्सा लेने का सोचा तो उसके पहले बेटों ने विरोध करना शुरू कर दिया और इस तरह से जब मैंने उन्हें कानूनी रूप से हिस्सा लेने की बात की तो उन्होंने धमकी दी है कि हम तुम्हारी पोल खोल देंगे, हमारे पास तुम्हारे रिकॉर्ड है, हमारे पास तुम्हारी जन्मपत्री है, और तुम ने अपने जैविक पिता के बजाय अपने माताजी के पहले पति के नाम से दस्तावेज बनाये है जो फर्जी है और तुम्हारी सर्विस हम लगने नही देंगे । चूंकि हम गरीब है मजदूरी करके मैंने इतनी पढ़ाई की है । इनके द्वारा दी जा रही धमकियों से मैं मानसिक रूप से परेशान रहता हुँ, मैं आर्थिक समस्या के कारण किसी वकील से भी कोई सलाह नहीं ले सकता हुँ ।।

इस प्रकार से मेरे प्रश्न निम्नलिखित है जिसके जवाब विस्तार से देने का कष्ट करें---

1. मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर है लेकिन मेरे सारे दस्तावेज मेरे माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से बने हुए है तो क्या मेरे दस्तावेज अब्दुल कादिर के नाम से अवैध हैं या फ़र्जी हैं ।।
2. मेरी दो दो जन्म प्रणाम पत्र बने हुए है जिसमे दोनो में जन्म तारीख का अंतर है और एक मेरे जैविक पिता सुलेमान कादिर के नाम से बना हुआ है और एक मेरे माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से बना हुआ है, इसमे कौनसा पूरी तरह से वेध और सही है । कानूनी रूप से कौनसे को सही और वेध माना जायेगा ।
3 मैंने जो सारी पढाई मेरी माताजी के पहले पति अब्दुल कादिर के नाम से की है तो क्या सही हैं या मेरी सारी डिग्रीयां अवैध हो जाएगी ।
4 क्या दो दो जन्म प्रणाम पत्र बनाने और स्कूल में झूठा जन्म प्रणाम पत्र पेश करने के कारण वो लोग मुझ पर कोई कानूनी कार्यवाही या केस करके मेरी शैक्षणिक योग्यता को चुनोती दे सकते हैं ।
5 चूंकि मेरी नोकरी न लगने की वो लोग धमकी दे रहे है तो क्या मेरी नोकरी लगने के बाद मुझे कोई समस्या होगी, या मुझे कोई नोकरी लेने से रोक सकता हैं
6 मैं कौनसे डॉक्यूमेंट को सही मान के चलू, कुछ लोग कह रहे है आपको अपने सारे डॉक्यूमेंट परिवर्तन करवा कर अपने सही जैविक पिता सुलेमान के नाम से करवा लेने चाहिए
7 अब मैं और अपनी माताजी का अपने जैविक पिता सुलेमान कादिर से लेने के लिए क्या कार्यवाही कर सकता हूँ ।
8 चूँकि मुस्लिम कानून में जीवित व्यक्ति की सम्पति पर केवल उसका ही अधिकार होता है तो क्या उसके पहले बेटे वो सारी सम्पति अकेले अकेले बेच दे या अपने नाम करवा सकते हैं
9 मैं और मेरी माताजी अपने पहले पति के अब्दुल कादिर के नाम से सारे डॉक्यूमेंट में नाम परिवर्तन करवाये बगैर भी हम अपने जैविक पिता सुलेमान कादिर से हिस्सा ले सकते है ? इसके लिए क्या प्रक्रिया है ।
10. क्या अपने जैविक पिता सुलेमान कादिर से अपना हिस्सा लेने के लिए उनके नाम के दस्तावेज बनाने जरूरी हैं ?? अगर उसके नाम के डॉक्युमेंट बना भी लिये जाए तो मेरी आज तक कि शैक्षणिक योग्यता और उसके दस्तावेजो पर क्या असर पड़ेगा ।
11 अगर मैं अपने जैविक पिता सुलेमान कादिर से हिस्सा लेना नही चाहूँ और अपने अब तक के पिता अब्दुल कादिर के नाम से दस्तावेज रखूं और उसको ही पिता मानु तो मुझे कोई समस्या होगी । और अगर मैं अपने दादा जी का हिस्सा लेने चाहूँ तो वो लोग मेरे खिलाफ कार्यवाही कर सकते है कि मैं अब्दुल कादिर का बेटा न होकर सुलेमान कादिर का बेटा हूँ वगेरह वगरैह ।।
विस्तार से प्रत्येक प्रश्न का जवाब देने का कष्ट करें हम आपके आभारी रहेंगे ।।। बहुत बहुत धन्यवाद ।।


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