प्रिय महोदय जी
मै अखिलेश कुमार मैनपुरी का रहने वाला हु मेरी शादी सन २००४ नीलम के साथ ग़ज़िआबाद से हुई थी सन २००७ से आपसी मन मुटाव होने के कारन मेरी ससुरवालों ने मेरे व् मेरे परिवार वालों पर दहेज एक्ट, मैन्टीनेन्स, मार-पीट का केस कर दिया है जिसमे हम तीन जनो ने सजा भी काटी है मैंने अपनी पत्नी को बुलाने के लिए घर-परिवार , पंचायत , एस पी कार्यालय पर प्रोजेक्ट दीदी के दुवारा , कोर्ट दुवारा भरपूर कोशिश की इसके बाद भी नीलम आना नहीं चाहती उसके घर वाले हमारे घर वालों पर केस कर रहे है थाने मै रिपोर्ट के अनुसार जेल होने के बाद २०००/माह गुजर भत्ता बंध जाता है जब मेरे पास नोटिस पंहुचा तो मैंने बकील से संपर्क किया तो बकील ने बताया कि मै इस केस को शुरू से सुनवाई करवाकर इस केस को ख़त्म करा देंगे केस फाइल होने के बाद तीसरी तारिख पर जज साहेब ने मुझे गिरफ्तार करने का आदेश दिया या तो १०००० +२०००/माह जमा करने का आदेश दे दिया तो मेरे पास ३०००/- जो उधार लाया था दे कर मुझे झोड़ दिया मै परेशान रहने लगा काफी विचार विमर्श करने के बाद मैंने प्लान बनाया कि मेरे माँ बाप और मै इस राशि को अदा नहीं कर सकेंगे अतः मै अपने घर से भाग गया हु ज्ञात हुआ कि मेरे घर कि कुड़की वारंट ईसू कराकर कुड़की भी करादी है अब मै केस से कैसे बच्चू कोई उपाय बताएं