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Anil Kumar (IT Professional)     09 December 2014

Wrong & impugned maintenance order by lower court

सभी Legal Experts  और al Advisors को सादर नमस्ते!

आप सभी लोगों से एक घरेलू हिंसा के मामले में सलाह की ज़रूरत है कि:

में जन्म से दिल्ली का निवासी हूँ और मेरी शादी इलाहाबाद में हुई थी और मेरी पत्नी मेरे साथ दिल्ली में रह रही थी। मेरी सास की नाजायज़ दखलंदाजी के कारण मेरी शादी चल नही पाई और शादी से 8 महीनों के बाद तीज त्यौहार के बहाने मेरी पत्नी दिल्ली से खुशी पूर्वक वापस अपने मायके चली गई और फिर वापस नही आई। मेरे कहने के बाद भी जब वो वापस नही आई तो मैने दिल्ली की कोर्ट में RCR फाइल किया और कोर्ट ने मेरे पक्ष मे फ़ैसला दिया मगर इसके बाद भी वो दिल्ली नही आई और 3 साल से बाद अब उसने इलाहाबाद से ही मेरे और मेरे घरवालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुक़दमा दायर कर दिया और अदालत को भ्रमित करके झूठे तथ्य के बलबूते इलाहाबाद की निचली अदालत से अपने पक्ष में अंतरिम भारण पोशण भाता का आदेश ले लिया। जिसकी जानकारी सिर्फ़ और सिर्फ़ उसके वकील के द्वारा भेजे गए नोटिस से हुई जो उसने आदेश के 25 दिनों के बाद भेजा और सिर्फ़ कोर्ट के आदेश का कापी दी, ना तो कोर्ट ने और ना ही मेरी पत्नी के वकील द्वारा मुझे कोई भी मुक़दमें के कागजात इत्यादि दिए गए जिससे मुझे कुछ जानकारी होती और तो और कोर्ट ने भी मुझे कुछ सम्मन / नोटिस आदि भेजी।  

परिसीमन अधिनियम से तहत मैने इलाहाबाद सेशन कोर्ट में इलाहाबाद की निचली अदालत द्वारा मेरे खिलाफ एक तरफ़ा फ़ैसले के तहत अंतरिम भरण पोशण भत्ता आदेश को चुनौती दी है। क्योकि निचली अदालत ने हमे कोई भी सम्मन अथवा नोटिस आदि नही भेजी और न ही अपने आदेश की कापी दी।

मुझे इलाहाबाद के न्याययिक प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण व वहाँ के वकीलों द्वारा उचित सलाह न मिलने के कारण कोर्ट के आदेश की तिथि से (21 मई, 2014) लगभग तीन महीने के बाद मैने सेशन कोर्ट में परिसीमन अधिनयम के तहत निचली अदालत के फ़ैसले को चुनौती दी तो -  

 

1.       परिसीमन अधिनियम से तहत हम किसी अदालत द्वारा अपने खिलाफ दिए गए फ़ैसेले को कितनी समय सीमा में चुनौती दे सकतें हैं?

निचली अदालत नें 21 मई, 2014 को आदेश पारित किया था और मेने उस आदेश को सेशन कोर्ट मे 22 अगस्त, 2014 को चुनौती देते हुए अपील दाखिल की थी।

2.       क्या सेशन कोर्ट मेरी इस अपील को मान लेगी या फिर खारिज कर देगी?

3.       और यदि सेशन कोर्ट मेरी अपील खारिज़ करेगी तो क्यों?

4.       यदि अपील खारिज़ होती हे तो मुझे क्या करना चहीए?

आपकी उचित सलाह का इंतज़ार रहेगा 

धन्यबाद 



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