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raj kumar ji (LAW STUDENT )     15 July 2010

cheated e -mail beware !!!!!!!!!!!!!!!!!!!

 

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मेल और फोन द्वारा लाटरी जीतने और इनाम देने के फर्जीवाड़े से जनता को जागरूक करने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक अब मीडिया का सहारा ले रहा है। आरबीआई ने जनता को धोखाधड़ी वाली लाटरियों में न फंसने के लिए टेलीविजन और रेडियो में विज्ञापन तो प्रसारित करवाने के साथ ही अब प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी जागरूक करने लगी है।

 भारतीय रिजर्व बैंक के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रीय निदेशक बाजिल शेख ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा कि आम जनता ई़ मेल, मोबाइल फोन और एसएमएस द्वारा लाटरी जीतने और इनाम निकलने वाली सूचनाओं से सर्तक रहें क्योंकि यह आपको बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठने का तरीका है। बैंक ने कहा कि इस प्रकार का काम करने वाले जालसाजो ने अब रिजर्व बैंक के असली जैसे दिखने वाले पत्रों और उसके अधिकारियों के नाम का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक आम जनता को इन लाटरियों और फर्जी इनामों के प्रति सावधान करने के लिये और उन्हें जागरूक करने के लिये मीडिया का सहारा ले रहा है। इस संबंध में विभिन्न टीवी चैनलों पर जागो ग्राहक जागो के तहत लोगो को सरल भाषा में विज्ञापन के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। बैंक का केवल एक मकसद है कि जनता इन फर्जी जालसाजों से पूरी तरह से सावधान रहें और इनके फर्जीवाड़े में फंस कर अपना पैसा नहीं गंवाएं।


रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक शेख ने कहा कि इसके अलावा एफएम रेडियो स्टेशनों के माध्यम से भी जनता को इन फर्जी लाटरियों से बचने के लिये सावधान किया जा रहा है। इसी तरह प्रिंट मीडिया में पत्रकार वार्ताओं और विज्ञापनों के माध्यम से आम जनता को इन फर्जी इनामों से बचने की विधिया बताई जा रही है।

उन्होंने कहा कि आम जनता संस्थाओं तथा व्यक्तियों के प्रतिनिधि के रूप में काम करने वाले भारतीय लोगो तथा विदेशी संस्थाओं द्वारा लाटरी जीतने, इनाम निकलने, विदेश से सस्ती मुद्रा में सस्ते धन बेंचने संबंधी जालसाजी के शिकार न बनें। इस तरह की पेशकश अक्सर पत्रों, ईमेल, मोबाइल फोन, एसएमएस के जरिये लोगो से की जाती है और फिर लोगों से एक धनराशि की मांग की जाती है कि आप इतना पैसा भेजे तो आपको इतने लाख की लाटरी दी जाएगी।

शेख ने कहा कि इस तरह की जालसाजी करने वालो ने अब एक नया तरीका निकाल लिया है अब यह लोग रिजर्व बैंक के पत्रों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर :साइन: किये हो जैसे दिखने वाले फर्जी प्रमाण पत्रों, पत्रों और परिपत्रों को भी अपनी लाटरी और धन भेजने की पेशकश के साथ लगाने का काम शुरू कर दिया है ताकि ऐसे इनाम के प्रस्ताव बिल्कुल असली लगे।

रिजर्व बैंक के अनुसार इन लाटरी की पेशकश का शिकार हुये लोगों को यह जालसाज टेलीफोन और फर्जी ईमेल आईडी के साथ खुद को रिजर्व बैंक का वरिष्ठ अधिकारी होने का भी विश्वास दिलाते हैं। ऐसे जालसाजों ने भारत के बैंको में अपने एकाउंट भी खोल रखे है और एक बार लाटरी या धन की पेशकश को स्वीकार करने के बाद जब लोग इनके बतायें बैंक खातों में अपना पैसा जमा करते हैं और यह जालसाज पैसा लेकर चंपत हो जाते है।

रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक शेख ने कहा है कि जनता ऐसी किसी पेशकश के बारे में स्थानीय पुलिस को जानकारी उपलब्ध करायें ताकि ऐसे जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

रिजर्व बैंक ने स्पष्ट करते हुये कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अर्न्तगत लाटरी योजनाओं में भाग लेने के लिये किसी भी स्वरूप में पैसे भेजने पर प्रतिबंध है। इसके अतिरिक्त यह प्रतिबंध विभिन्न नामों से जारी योजनाओं के अर्न्तगत कार्य करने वाली लाटरी जैसी योजनाओं जैसे कि पैसे की आवाजाही योजना अथवा पुरस्कार आदि में सहभागिता के लिये भेजी जाने वाली राशि पर भी लागू है।

बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह संवितरण के लिये राशि रखने हेतु भारत में व्यक्तियों, कंपनियों या न्यासों के किसी खाते का रखरखाव करता है और न ही रिजर्व बैंक के पास एपया जमा करने के लिये किसी व्यक्ति को कोई खाता खोलने की अनुमति प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक इन खातों में पैसा जमा कराने संबंधी कोई प्रमाण पत्र अथवा सूचना अथवा रसीद जारी नहीं करता है।



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 2 Replies

nidhi chawla (syudent)     21 July 2010

YES SIR ,THIS IS THE BIG PROBLEM MANY E MAIL S AND SMS ARE IN OUR INBOX .

THANK U RAJ SIR FOR UR GREAT INFO .

cyberlawyer (barrister)     24 July 2010

Can you plz post the above substance in english , so that it would be possible for myself and other members to understand ??


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