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Nirmal Joseph (Medical Practice)     21 November 2009

Obtaining Copy of filed documents and Order from Court by RT

I am a party to a suit in the Chennai City Civil Court.


Order was passed in the year 2007.


Is it possible to get Certified Photo Copies of all the documents pertaining to this suit including the order by an application under the RTI Act 2005.


If it is possible what would be the fee payable?


And in whose name the DD to be taken?



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 3 Replies

Raj Kumar Makkad (Adv P & H High Court Chandigarh)     21 November 2009

This is repeated question and it has already been replied well.

Anil Agrawal (Retired)     22 November 2009

 No problem. Those who have faith in RTI must read this:

RTI के तहत जानकारी मांगने पर पैसों की मांग

 
 

TimeSun, Nov 22, 2009 at 09:40 , Updated at Sun, Nov 22, 2009 सिटी खबरें सेक्शन

 

Tagsटैग: Panjab, University, Rti | 0 कमेंट्स

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RTI के तहत जानकारी मांगने पर पंजाब यूनिवर्सिटी ने 12 लाख रुपए की मांग कर दी।

RTI के तहत जानकारी मांगने पर पंजाब यूनिवर्सिटी ने 12 लाख रुपए की मांग कर दी।

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चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन का एक अनोखा रूप देखने को मिला है। एक छात्र की तरफ से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी ने बारह लाख रुपए की मांग कर दी। यूनिवर्सिटी का कहना है कि जानकारी देने के लिए जो खर्च आएगा उसी की मांग की जा रही है। जबकि आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के लिए कोई रकम लेने का प्रावधान नहीं है।

दरअसल पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के बदले 12 लाख 22 हजार 378 रुपए की मांग की गई है। इसी यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर रहे वरुण मलिक ने पिछले पांच सालों में 13 छात्रावासों के नाम पर जारी की गई धनराशि और कुल खर्च की जानकारी मांगी। क्योंकि ये जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी इसलिए यूनिवर्सिटी इस पर कोई भी चार्ज नहीं लगा सकती।

 

लेकिन यूनिवर्सिटी की दलील है कि जो हिसाब वरुण मलिक मांग रहे हैं उसे देने के लिए 6 लाख दस हजार से भी ज्यादा रुपए के पेपर की जरूरत होगी। और इसमें कुल खर्चा 12 लाख से भी ज्यादा हो होगा। लेकिन वरुण ने यूनिवर्सिटी को साफ कर दिया की उसे ये जानकारी पेपर पर नहीं बल्कि सीडी में दे दी जाए। जिसके लिए खर्च कम होगा।

 

छात्र का आरोप है कि उसके बाद भी यूनिवर्सिटी उसे जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस सूचना को जानबूझ कर छुपाया जा रहा है। जब आईबीएन7 ने इस मामले में कुलपति से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया।

 

ये पहली बार नहीं है जब सूचना के अधिकार के मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी बदनाम हुआ हो, इससे पहले मुख्य सूचना आयोग पंजाब विश्वविद्यालय की इंफोर्मेशन बुक को खारिज करने के आदेश दे चुका है। आरोप था कि अपनी इस किताब में लिखे नियमों की आड़ में विश्वविद्यालय कई ज़रूरी सूचना छुपा रहा था।



 

 

Anil Agrawal (Retired)     23 November 2009

 If you find a problem with the font, kindly go to this website to read the story:

https://khabar.josh18.com/news/23514/3


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