Does university has right to change division of a student after declaration of result by changing number in practical and case study.
महोदय मैंने हाल ही में एलएलएम फाइनल ईयर का एग्जाम दिया था और संभवत विश्वविद्यालय में मेरा प्रथम स्थान होने के कारण रिजल्ट जारी होने के 1 दिन बाद जब मैंने साइट पर दोबारा रिजल्ट चेक किया तो मेरे केस स्टडी प्रैक्टिकल में नंबर कम कर दिए गए थे जिससे ना केवल यूनिवर्सिटी स्तर पर मेरी रैंक कम हो गई बल्कि मेरी डिवीजन भी फर्स्ट डिवीजन से सेकंड डिवीजन हो गई यूनिवर्सिटी जाकर पता करने पर मुझे जवाब दिया गया की एक्सटर्नल ने 70 में से नंबर देने के स्थान पर सो नंबर में से नंबर देने है ये समझ कर दिए है इसलिए मेरे जो 70 में से 62 नंबर दिए गए थे उनको कम करके 44 नंबर कर दिया गया जो कि किसी भी प्रकार से मुझे उचित नहीं लगता मुझे डाउट ही नहीं अपितु पूरा विश्वास है कि किसी अन्य स्टूडेंट को मेरिट में स्थान दिलाने के लिए मेरे साथ ऐसा किया गया है लेकिन क्योंकि अकेले मेरे साथ ऐसा किया जाना संभव नहीं था इसलिए मेरे ही क्लास के अन्य 37 विद्यार्थियों के नंबर भी कम कर दिए गए वह भी यह बोल कर के एक्सटर्नल ने 100 मार्क्स में से नंबर देने हैं यह समझकर नंबर दिए थे जबकि नंबर 70 में से देने थे इसलिए आप के नंबर कम किए गए हैं जबकि मैं जानता हूं कि स्टॉपल के सिद्धांत के अनुसार किसी भी स्टूडेंट के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता कृपया मेरा मार्गदर्शन करे ।
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