विपक्षी ने दुर्गा की जमीन जून 1984 में फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया एवं दाखिल खारिज भी करा लिया । दुर्गा को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अगस्त 1984 में जयनाथ सिंह व उत्तमा को बैनामा कर दिया एवं फर्जी बैनामा को रद्द करने के लिए जयनाथ सिंह एवं उत्तमा ने दुर्गा के साथ मिलकर सिविल वाद दायर किया । दुर्गा ने अपराधिक मामले में विपक्षी दलों के खिलाफ कोर्ट में शपथ पर, जयनाथ सिंह एवं उत्तमा के पक्ष में किये गये बैनामा को सही बताते हुए गवाही दिया,जिसकी प्रमाणित प्रति सिविल सूट मे लगी है तथा exhibited है । पांच साल बाद 1989 में दुर्गा ने विपक्षी दलों से सुलह कर लिया तथा जुलाई 1990 में दुर्गा की मृत्यु हो गयी । 2004 में जयनाथ सिंह , गवाह तथा expert ने गवाही दिया ।विपक्षी दलों की तरफ से भी गवाही हुई किन्तु उनके expert की गवाही नहीं हुई। जयनाथ सिंह एवं उत्तमा निचली एवं प्रथम अपील न्यायालय में केस इस आधार पर हार गए कि दुर्गा ने सुलह कर लिया है और जयनाथ सिंह एवं उत्तमा के तरफ से आपत्ति नहीं है ।जबकि जयनाथ सिंह ने सुलह नहीं किया । जयनाथ सिंह 2nd appeal उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल कर चुके हैं । कृपया कानूनी सुझाव तथा इससे सम्बंधित केस लाॅ बताये । इस कार्य हेतु आभारी रहूँगा ।
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