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raj kumar ji (LAW STUDENT )     06 May 2011

supreme court -muslim property

 

 

 
 
 

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी कि विभिन्न कानूनों के तहत मुसलमान द्वारा रजिस्ट्रेशन के बिना स्थाई संपत्ति को उपहार में देना पूरी तरह वैध है। इसके साथ ही जस्टिस आर. एम. लोढा और एसएस निज्जर ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश को खारिज कर दिया। इसके तहत शेख दाउद द्वारा अपने पुत्र मोहम्मद याकूब को लिखित में 5 फरवरी 1968 को उपहार में स्थाई संपत्ति देने को अवैध बताया गया था।


शेख के दूसरे पुत्र शेख फरीद ने अपने पिता के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी कि पिता द्वारा उपहार में दी गई संपत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं है। निचली अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। बाद में हाईकोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला दिया कि दी गई संपत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं है इसलिए यह दान वैध है। मुस्लिमों के लिए ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट या स्टाम्प एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत उपहार की संपत्ति के रजिस्ट्रेशन की बाध्यता लागू नहीं होती।



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