आम-मुखत्यरनामा नोटरीसुदा व राजस्थान राजस्व बोर्ड अधिकार
JASWANT VIJAY AGNIHOTRI
(Querist) 09 February 2018
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रामलाल को राजस्थान आवासन मण्डल से एक आवासीय मकान 1996 में आवंटित हुआ और रामलाल ने 1997 में एक आम-मुखत्यरनामा नोटरीसुदा करके कमलदेवी को मकान के अधिकार दिये और कमला देवी ने रामलाल के जीवित होने के समय अपनी सगी बहन सरस्वती को 1997 में ही एक आम-मुखत्यरनामा नोटरीसुदा करके दिया । रामलाल की मृत्यु 1998 में हो गयी और रामलाल अविवाहित था और उसके कोई वारिस नहीं हैं । सरस्वती देवी का 1998 से उक्त मकान पर कब्जा हैं ।
मेरे द्वारा उक्त मकान को सरकारी संपति घोषित करने का वाद जिला कलेक्टर जोधपुर में अप्रेल 2017 में लगाने पर कमलदेवी ने बहेसियत विक्रेता आम-मुखत्यरनामा रामलाल उक्त मकान का रजिस्टरड बेचाननामा जून 2017 करते हुए सरस्वती देवी को बेच दिया । जिला कलेक्टर जोधपुर ने मेरा वाद खारिज कर दिया कि बेचान नामा हो चुका हैं और रजिस्ट्री को निरस्त करने का पावर उनके पास नहीं हैं ।
मेरे द्वारा एक FIR अंतर्गत धारा - 420, 120बी, 467, 471, 474 कमलदेवी, सरस्वती देवी दर्ज करवाने पर पुलिस ने भी बिना तथ्य ध्यान रखे और जांच किये कोर्ट में गलत रिपोर्ट इस आधार पर जमा कर दी कि सरस्वती देवी मेरी सास हैं और सरस्वती देवी की पुत्री मेरी पत्नी हैं और हम दोनों के बीच पारिवारिक विवाद कई न्यायालयों में विचारधीन हैं ।
1 मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या यह हस्तांतरण वैध हैं ?
2 उक्त संपति का कोई वारिस नहीं हैं इसको सरकारी संपाति कैसे घोषित करवाया ज सकता हैं ?
3 क्या कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध राजस्थान राजस्व बोर्ड अजमेर के अधिकार क्या हैं और क्या इसमे अपील पोषणीय होगी ?
4 मेरा उक्त संपाति से कोई लेना देना नहीं हैं और ना ही मैं रामलाल का वारिस हूँ और यही आधार सब जगह मेरी सही रिपोर्ट को भी गलत बना देता हैं जबकि काबिज व्यक्ति कई ओर संपतियों पर भी इसी प्रकार के कब्जा किये बैठे हैं । रामलाल की हत्या भी हुई हैं इसको कैसे साबित करवाया जाए ?
उक्त रजिस्ट्रेड़ बेचाननामा को केंसिल कैसे करवाया जाए ? मुख्य आधार क्या होने चाहिए ?
J K Agrawal
(Expert) 10 February 2018
1 Transfer is not valid as POA is not having any validity after death of Ramlal.
2 By filing a civil suit before a Civil Court and not with collector.
3 RAA is appellate authority but appeal not maintainable. Collector has no power to declare a personal property to be escheat.
4 Appeal is not sustainable.
5 For a property of dead person having no legal heir, any person can file a suit.