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Raj Kumar Makkad (Adv P & H High Court Chandigarh)     02 August 2010

DIVINE MESSAGE - 02.08.2010

Be liberal and benevolent in the use of things.

Serve the poor, the sick and the distressed who

suffer from shortage. Their heart is the abode of God.

By serving them you will serve God. Therefore do not

have the feeling of hatred, malice and jealousy for them.

(Swami Ramsukhdasa)

 

वस्तुओं के उपयोग में उदार और परोपकारी बनो|

गरीब, बीमार और अभावग्रस्त लोगों की सेवा करो|

उनके ह्रदय में भगवान रहता है| उनकी सेवा करके

तुम ईश्वर की सेवा करोगे|  अत: उनके प्रति घ्रिना,

दुर्भाव और ईर्ष्या की भावना मत रखो|



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 2 Replies


(Guest)

अमीर के दिल में  भी भगवन बसता  है तभी कहा गया है  लक्ष्मी  नारायण 

लक्ष्मी का नारायण से कोई बैर नहीं बल्कि लक्ष्मी के पति हैं नारायण 
सो ये कहना गलत है की गरीब के दिल में भगवन बसता  है ,गरीब के दिल में भगवन नहीं दुनियावी जरूरतें बसती हैं ,वो भगवन के पास भी भगवन को नहीं बल्कि सामाजिक चीज़ें मांगनें जाता है .
अमीर समाज ही धार्मिक हो सकता है गरीब नहीं .
और बीमार के  दिल में भगवन बसता है , यह कहना गलत है ,स्वस्थ व्यक्ति का मतलब है स्वयं में  स्थित और जो जितना ज्यादा स्वस्थ उतना ज्यादा स्वयं में स्थित, उतना ज्यादा भगवन के करीब.

अत: उनके प्रति घ्रिना, दुर्भाव और ईर्ष्या की भावना मत रखो

हाँ ,गरीब और बीमार के प्रति घ्रिना, दुर्भाव और ईर्ष्या की भावना मत रखो

 लेकिन गरीबी और बीमारी के प्रति ज़रूर घ्रिना, दुर्भाव और ईर्ष्या की भावना रखो

 

1 Like

Bhartiya No. 1 (Nationalist)     02 August 2010

Tusharji, Thanks for such a great thought.

Goodboyji, Thanks for this information.


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