Upgrad
LCI Learning

Share on Facebook

Share on Twitter

Share on LinkedIn

Share on Email

Share More

ramchouhan704@gmail.com   23 March 2018

मानहानि एवं मानसिक प्रताड़ना

बुधवार की रात करीब सवा दस बजे हमारे घर जीवाजीगंज से दो पुलिसकर्मि आये बोले कि छेड़छाड़ का केस है विशाल पिता दिनेश कहा है उसके साइन लेना है केस खत्म करना है जब उनको बताया गया यहा ऐसा कोई नही रहता ताऊजी है परंतु वे यह नही दूर रहते है तो सुबह हमारे ताऊजी जिनका नाम भी दिनेश है एवं उनके पुत्र का नाम भी विशाल है लेकिन वह हमारे घर से काफी दूर दूसरी कॉलोनी में रहते है वहा एक आरक्षक जाकर बोलता है कि विशाल को भेजो वहां से मना करने पर वापस हमारे घर मे सीधा घुस कर पूछताछ करने लग जाता है कोन है विशाल यदि गलती से कोई भी कह देता की में हु विशाल तो सीधा जुलूस निकाल सकते थे इस कृत्य से हमे मानसिक और शारीरिक हानि पहुची जब उसको समझ कर भेजा जाता है की यहा कोई विशाल नही है कृपया ढंग से जांच करे तब बड़ी मुश्किल से वह जाता है
फिर दोपहर में वह सॉरी बोलने आता है कहता है दूसरे क्षेत्र का विशाल था नाम की वजह से गफलत हुई
अब सवाल यह है कि जब एफआईआर हो चुकी थी विशाल की तो फिर पुलिस उसे शक्ल से और उसका पता क्यों नही जानती थी यह कैसे संभव है जबकि वह लड़का कोई और था जानभुजकर छवि खराब की जबकि वह विशाल अब्दलपुरा के क्षेत्र का निकला जो यहा से अलग क्षेत्र है
जीवाजीगंज पुलिस की यह पहली लापरवाही की घटना नही है इससे दो तीन दिन पहले एक 23 साल का लड़का पुलिस की प्रताड़ना से आत्महत्या कर लिया था यह लोग विशाल का क्षेत्र में जुलूस निकालने के लिए धुंध रहे थे जबकि हमारे परिवार का कभी कोई आपराधिक रिकॉर्ड नही रहा
यदि हमारे घर के निर्दोष बच्चे का जुलूस निकाल देती तो हमारे पास आत्महत्या के अलावा क्या विकल्प रह जाता हमारी हत्या का जिम्मेदार कौन होता


Learning

 2 Replies

Sudhir Kumar, Advocate (Advocate)     25 March 2018

given facts indicate no malafide of police only a mistake of identity which they corrected.

ramchouhan704@gmail.com   08 January 2019

Mera sg ajib se character me kyu convert ho gya

Leave a reply

Your are not logged in . Please login to post replies

Click here to Login / Register  


Related Threads


Loading