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Jurisdiction

(Querist) 03 August 2015 This query is : Resolved 
श्रीमान जी,
कर्मकार वर्ष 2011 में दिल्ली में नौकरी करता था, जहाँ पर आफिस में उसके साथ मारपीट हुई, और उस पर एक लाख का गबन का आरोप लगा दिया गया,
कर्मकार वापस अपने गृह जनपद वनारस चला गया अपनी जान बचाने के उद्धेश्य से, और मुम्बई के अपने हेड आफिस में सारी बात अपने प्रार्थना पत्रों के माध्यम से बताई, लेकिन हेड आफिस के अधिकारियों द्वारा कोई भी कारवाई दोषियों के खिलाफ नहीं की गयी, और लगभग 2 वर्षों तक कर्मकार और हेड आफिस के अधिकारियों के बीच पत्राचार चलता रहा और उसके बाद कर्मकार को हेड आफिस में Join करा लिया गया|जब कर्मकार ने इस बीच अपने 2 वर्षों का वेतन माँगा तो कम्पनी ने देने से इंकार कर दिया तब कर्मकार ने Payment & Wages Act की धारा 15 के अंतर्गत मुम्बई के श्रम न्यायालय में मुकदमा किया, जिसमें कम्पनी द्वारा अपने जबाबदावा में कहा जा रहा है कि, कर्मकार को अपने शेष वेतन के लिये दिल्ली में मुकदमा करना चाहिये | मुम्बई में उसका क्षेत्राधिकार नहीं है |
मेरा प्रश्न है
1. क्या कर्मकार का क्षेत्राधिकार नहीं है?
2. क्या उसे लगभग 2 वर्षों का वेतन मिलेगा?
3. क्या उप्रोक्त समस्या से सम्बंधित कोई सर्वोच्च न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के निर्णय हैं?
Sudhir Kumar, Advocate (Expert) 04 August 2015
एक लाख के गबन के आरोप के बावजूद कम्पनी उसे नौकरी पर रख रही है तो आरोप बेबुनियाद तो लगता ही है,

कार्मिक उसी नियोक्ता के पास अब मुम्बई में काम कर रहा है तो उससे दिल्ली में दवा करने की अपेक्षा उचित नहीं है,
Rajendra K Goyal (Expert) 04 August 2015
He left office without leave, information etc. His claim for wages is not justified.


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